आंगन में लगाएं ये 6 फूल
गदि आपके जीवन में तनाव , कलह और चिंता है तो आप निम्नलिखित 5 तरह के फूलों के पौधे घर - आंगन में लगा लें या प्रतिदिन इनके ताजा फूलों को अपने घर में किसी उचित स्थान पर जल के पात्र में रखें . निश्चित ही ऐसा करते रहने से आपके जीवन के सारे संताप मिट जाएंगे . मन और मस्तिष्क शांत रहेगा . शांत मन और मस्तिष्क में ही प्रसन्नता होती है . जहां प्रसन्नता और हंसी होती है वहीं लक्ष्मी भी होती हैं . जीवन में सुगंध नहीं है तो प्रसन्नता और शांति भी नहीं है .
- चंपा के फूल : चंपा को अंग्रेजी में प्लुमेरिया कहते हैं . चंपा के खूबसूरत , मंद , सुगंधित हल्के सफेद , पीले फूल अक्सर पूजा में उपयोग किए जाते हैं . चंपा का वृक्ष मंदिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है . चंपा के वृक्षों का उपयोग घर , पार्क , पार्किंग स्थल और सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है . हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक कहावत है : तुझमें तीन गुण : रंग रूप और वास , अवगुण तुझमें एक ही भंवर न आएं पास रूप तेज तो राधिके , अरु भंवर कृष्ण को दास , इस मर्यादा के लिए भंवर न आएं पास . चंपा में पराग नहीं होता है इसलिए इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती हैं . चंपा को कामदेव के 5 फूलों में गिना जाता है . देवी मां ललिता अम्बिका के चरणों में भी चंपा के फूल को अन्य फूलों , जैसे अशोक , पुन्नाग के साथ सजाया जाता है . चंपा का वृक्ष वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है . चंपा मुख्यत : 5 प्रकार की होती हैं - 1 . सोन चंपा , 2 . नाग चंपा , 3 . कनक चंपा , 4 . सुल्तान चपा और 5 . कटहरी चंपा . सभी तरह की चंपा एक से एक अद्भुत और सुंदर होती है और इनकी सुगंध के तो क्या कहने !
- पारिजात का फूल पारिजात के फूलों को हरसिंगार और शैफालिका भी कहा जाता है . अंग्रेजी में इसे नाइट जेस्मिन और उर्दू में गुलजाफरी कहते हैं . पारिजात के फूल आपके जीवन से तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां भर सकने की ताकत रखते हैं . पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं । और सुबह होते - होते वे सब मुरझा जाते हैं . यह माना जाता है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है . - हरिवंशपुराण में इस वृक्ष और फूलों का विस्तार से वर्णन मिलता है . इन फूलों को खासतौर पर लक्ष्मी पूजन के लिए । इस्तेमाल किया जाता है लेकिन केवल उन्हीं फूलों को इस्तेमाल किया जाता है , जो अपने आप पेड़ से टूटकर नीचे गिर जाते हैं . यह फूल जिसके भी घर - आंगन में खिलते हैं , वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है .
- रातरानी के फूल इसे चांदनी के फूल भी कहते हैं . रातरानी के फूल मदमस्त खुशबू बिखेरते हैं . इसकी खुशबू बहुत दूर तक जाती है . इसके छोटे - छोटे फूल गुच्छे में आते हैं तथा रात में खिलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं . रातरानी के फूल साल में 5 या 6 बार आते हैं . हर बार 7 से 10 दिन तक अपनी खुशबू बिखेरकर बहुत ही शांतिमय और खुशबूदार वातावरण निर्मित कर देते हैं , जिसकी भी नाक में इसकी सुगंध जाती है , वह वहीं ठहर जाता है . इसकी सुगंध सूंघते रहने से जीवन के सारे संताप मिट जाते है . रातरानी और चमेली के फूलों का इत्र भी बनता है . रातरानी और चमेली के फूलों से महिलाएं गजरा बनाती हैं , जो बालों में लगाया जाता है , रातरानी का पौधा एक सदाबहार झाड़ी वाला 13 फुट तक हो सकता है . इसकी पत्तियां सरल , संकीर्ण चाकू जैसी लंबी , चिकनी और चमकदार होती हैं . फूल एक दुबला ट्यूबलर जैसा साथ ही हरा और सफेद होता है ,
- रजनीगंधा रजनीगंधा का पौधा पूरे भारत में पाया जाता है . मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सितम्बर तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सितम्बर माह में फूल निकलते हैं . रजनीगंधा की तीन |किस्में होती हैं . रजनीगंधा के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है . इसकी लम्बी डंडियों को सजावट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है . इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है . इसके कई औषधीय गुण भी हैं .
- मोगरा इसे संस्कृत में ‘ मालती ' तथा मल्लिका ' कहते हैं . मोगरे के फूल गर्मियों में खिलते है , इसकी भीनी भीनी महक से तन और मन को ठंडक का अहसास होता है . इसका फूल सफेद रंग का होता है , जैसे - जैसे गर्मी बढ़ती है , इसकी सुगंध आपको गर्मी के एहसास से दूर रखती है . मोगरा कोढ़ , मुंह और आंख के रोगों में लाभ देता है .
- जूही के फूल जूही की झाड़ी अपने सुगंध वाले फूलों के करण बगीचों में लगाई जाती है . जूही के फूल छोटे तथा सफेद रंग के होते हैं और चमेली से मिलते जुलते हैं . फूल वर्षा ऋतु में खिलते हैं . इसकी सुगध से मन और मस्तिष्क के सारे तनाव हट जाते हैं और यह वातावरण को शुद्ध बना देता है .
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आंगन में लगाएं ये 6 फूल
Reviewed by Daily Wisdom
on
April 16, 2019
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