अपनी गर्लफ्रैंड को किस नाम से बुलाएं जिससे वो हमसे और ज्यादा प्यार करे?
अपनी गर्लफ्रैंड को किस नाम से बुलाएं जिससे वो हमसे और ज्यादा प्यार करे?
शोना जैसे निरर्थक और हलके शब्दों का इस्तेमाल बिलकुल ना करें। आपका प्यार दुनिया से अलग है। इसलिए शब्द भी कुछ तो ख़ास होने चाहिए।
- प्रेयसी, आज क्या खाने का मन है तुम्हारा?"
गर्लफ्रैंड - क्या कहा?
"यह पूछ रहा था कि तुम्हारा क्या खाने का मन है।"
गर्लफ्रैंड - नहीं, उससे पहले।
"उससे पहले? कब? उससे पहले तो तुम कुछ कह रही थी।
गर्लफ्रैंड - "नहीं। मेरा मतलब कि अभी। कुछ कहा ना तुमने। प्रे…."
"ओह अच्छा ! प्रेयसी।"
गर्लफ्रैंड - "हाँ। प्रेयसी मतलब?"
"मतलब कि मेरी जान से प्यारी, मेरी महबूबा।"
गर्लफ्रैंड (मुस्कुराते और शरमाते हुए) - "ओफ़! तुम भी ना !"
2. फिर दो-तीन दिन में "प्रेयसी" शब्द तो उनके लिए नॉर्मल हो जाएगा। सुनकर कोई कौतूहल नहीं होगा। ध्यान भी बाकी बातों पर जाएगा, प्रेयसी शब्द पर नहीं।
तो कहिए कि
"सुनो। मेरी रूह-अफ़ज़ा। तुम्हारे साथ दुनिया बड़ी हसीन लगने लगी है।"
गर्लफ्रैंड - "ओह! तुम और तुम्हारी ये बातें। वैसे अब ये रूह-अफ़्ज़ा क्या है? रूह-अफ़्ज़ा तो पीने की शरबत होती है ना।"
"रूह-अफ़ज़ा मतलब जो रूह की अफ़ज़ाई कर दे, रूह को बढ़ा दे, यानि अंदर तक तरोताज़ा कर दे।"
गर्लफ्रैंड - "कहाँ कहाँ से निकाल कर ला रहे हो ये ऐसे ऐसे शब्द?"
"तुम्हें देखता हूँ तो बस मन से निकल आते हैं।" (यह कहते हुए कृपया हँसें नहीं।)
3. इसी तरह कुछ वक़्त बाद अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करते रहें। शब्दों की तो कोई कमी नहीं। जानां, जानेमन, दिलरूबा (जो दिल को खुश करे), मृगनयनी (जिसकी आँखें हिरण की आँखों जैसी हों), नरगिसी (नर्गिस के फूल जैसी), संयोरिता (Señorita, प्रेमिका), यारम (मेरी दोस्त), स्वीट-हार्ट, डार्लिंग इत्यादि।
4. विभिन्न भाषाओं में प्रेमिका कहने के अलावा किन्हीं रूपक का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे मोरनी, बुलबुल, कोयल, बसंती हवा, पहली बारिश, स्ट्रॉबरी, चाँदनी।
5. अपनी कल्पना के आधार पर कुछ दुनिया से अलग भी कह सकते हैं।
जैसे डॉलफिन, शरारा (अंगारा), माचिस की तीली, मटका कुल्फ़ी, डिसप्रिन की गोली, शहद की मटकी, कुल्हड़ वाली चाय आदि।
ऐसा सुनकर वो हँसेगी। फिर आपसे अवश्य ऐसी तुलना का कारण पूछेंगी। अब आपके पास उसका कोई सही कारण होना चाहिए, कि
- आपने उस चीज़ में क्या ख़ासियत देखी, और
- आपकी गर्लफ्रैंड से वो चीज़ किस तरह जुड़ती है।
अपनी किसी खासियत के बारे में सुनकर वो मंत्र-मुग्ध हो जाएँगी।
देखिए, गुलज़ार ने तो अपनी कल्पना से क्या कह डाला -
"तेरी बातों में किमाम* की खुशबू है।
तेरा आना भी गर्मियों की लू है।"
*पान में डाला जाने वाला नशीला पदार्थ
6. उन्हें उनके नाम से बुला सकते हैं। अपने नाम से बुलाया जाना भी लोगों को अच्छा लगता है।
इन सब शब्दों को इस्तेमाल मैसेज या ग्रीटिंग कार्ड में भी कर सकते हैं।
अपनी गर्लफ्रैंड को किस नाम से बुलाएं जिससे वो हमसे और ज्यादा प्यार करे?
Reviewed by Daily Wisdom
on
July 03, 2019
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