भाग्य रेखा का होता है काफी महत्व
हस्तरेखा के अनुसार हथेली पर भाग्य रेखा का महत्व होता है . भाग्य रेखा की बनावट से पता चलता है कि व्यक्ति भाग्यशाली है या दुर्भाग्यशाली .
मणिबंध हथेली में मध्यमा उंगली ( पांचों अंगुली में सबसे लंबी वाली अंगुली ) के नीचे शनि पर्वत होता है इसे ही भाग्य का स्थान माना जाता है . हथेली में मणिबंध ( जिस स्थान से हथेली की शुरुआत होती है ) से चलकर जो रेखा इस स्थान तक पहुंचती है , उसे भाग्य रेखा कहते हैं .
लक्ष्य पर केंद्रित रहने वाला में किसी की हथेली में कलाई के पास से कोई रेखा सीधी चलकर त्रि पर्वत पर आकर मिलती है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता * जैसा व्यक्ति बहुत ही महत्वाकांक्षी और लक्ष्य पर केन्दत रहने वाला होता है.
दानी और परोपकारी यही रेखा अगर शनि पर्वत पर पहुंचकर अलग हो जाए और गुरु यानी तर्जनी उंगली के नीचे पहुंच जाए तो व्यक्ति दानी और परोपद होता है . ऐसा व्यक्ति उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है .
कटी हुई है तो . . . अगर भाग्य रेखा कटी हुई होती है तो व्यक्ति को संघर्ष और कष्टों का सामना करना पड़ता है . भाग्यरेखा लंबी होकर मध्यमा के किसी पोर तक पहुंच जाए तो मेहनत करने के बावजूद सफलता उससे कोसों दूर रहती हैं .
कला के जरिए से प्रगति अंगूठे के नीचे जीवन रेखा से घिरा होता शुक्ल पर्वत के अनसार अगर इस स्थान से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर वा शुक्र पर्वत . हस्तरेखा विज्ञान पहंचता है तो विवाह के बाद व्यक्ति को भाग्य का सहयोग मिलता है . ऐसा व्यक्ति किसी कला के जरिए से प्रगति करता है .
सफलता के शिखर पर जाता है हथेली के बीच में मस्तिष्क रेखा से निकलकर कोई रेखा शनि पर्वत तक जाना बहुत ही उत्तम होता है . ऐसा व्यक्ति | सामान्य परिवार में जन्म लेकर भी अपनी योग्यता और लगन से सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है
भाग्य रेखा का होता है काफी महत्व
Reviewed by Daily Wisdom
on
June 12, 2019
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