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इंसानी बुरी प्रवृति को दूर रखता है, यह रत्न
जातक के कुंडली में ऐसे बहुत अशुभ ग्रहस्थति होती है, जो उसे काफी कमजोर बना देते है,
कुंडली में ग्रहदोष इंसान को बुरे रस्ते पर भी ले जाता है, अक्सर यह देखा गया है, की जातक के मन में इच्छा ना होते हुए भी वह बुरे काम करने के लिए मजबूर हो जाता है.

लेकिन इसके दुष प्रभाव से बचने के लिए आप ऐसे रत्न धारण करने होंगे जो इस ग्रहदोष को नष्ट कर सकते है, आए जानते है, की वह कोनसे रत्न होते है, जो गृह दोष को काम करने का काम करते है.

इस वीडियो हम ४ ऐसे रत्न के बारे में बात करने वाले है, जो इंसान की बुरी प्रवृति को ख़त्म कर देता है.

यह रत्न किस तरह से काम करते है,

कुंडली अगर कोई गृह खरब या फिर दूषित होतो इंसान को बुरी प्रवृति का सामना करना पड़ सकता है, और इंसान के अंदर बुरी प्रवृति का निर्माण होने लगता है, और इसका योग्य समय पर काम नहीं किया तो यह बुरी आदते दिनों दिन बढ़ती चली जाती है,

इस गृह दोष से इंसान बुरी कर्म करने लगता है, इस के लिए समय रहते है, इसका इलाज करना चाहिए नहीं यह बुरी आदते जीवन भर इंसान का साथ नहीं छोड़ती।

यह गृह दोष समाप्त करने के लिए आगे कुछ रत्न बताए गए है, जिनका इस्तेमाल कर के इंसान अपनी बुरी आदते छोड़ सकता है.

सबसे पाहिले बात करते है, मैलकाईट के बारे में यह रत्न हमें बुरे नशे से मुक्त करते है.

मैलकाईट यह रत्न अफु, गांजा, तंबाकू, सिगरेट्स, दारू जैसे चीजों से हमें मुक्ति देता है. अगर किसी जातक तो इन में से कोई आदत है, तो मैलकाईट यह रत्न इन बुरी आदते छोड़ ने में हमें मदत करते है.

यह रत्न हरे कलर का होता है, और इसमें धागे जैसे रेषे होते है, यह उन लोगो के लिए बहुत ही लाभकारी है, जो नशे से अपने आप को मुक्त करना चाहते है.

 मैलकाईट यह रत्न चांदी के धातु में जड़वाकर इसे बुधवार के दिन सुबह में परिधान करना शुभ माना जाता है.

अगला रत्न है, सुनहला यह रत्न गुस्सा और चीड़ चिड़ा पण को कम कर देता है.

सुनहला यह रत्न दूषित ग्रहोंके प्रभाव से हमें मुक्त करता है, यह रत्न गुस्सा और चीड़ चिड़ेपन से हमें दूर करता है.

अगर आपके कुंडली में गुरु गृह का शुभ प्रभाव है, तो यह वाणी और क्रोध को दूर रखता है.

गुरु गृह को बलवान बनाने के लिए सुनहला रत्न काफी प्रभाव शाली होता है.

यह रत्न पीले रंग का पारदर्शक रत्न होता है.

रत्न हमें क्रोध और चीड़ चिड़े पण से मुक्त करता है, यह रत्न गुरवार को सोने या पीतल के धातु में जड़वाकर हात के के तर्जनी उंगली में पहना लाभकारी होता है.

अगला रत्न है, गार्नेट यह रत्न जातको आलसी और सुस्त बनने से रोकता है.

अगर जातक के जन्म कुंडली में मंगल या सूर्य गृह कमजोर है, तो वह जातक क्षीण और कमजोर हो जाता है, और इस के प्रभाव से इंसान सुस्त और आलसी बन जाता है.

अगर इसे बलवान बनाना चाहते हो तो इसके लिए गार्नेट बहुत ही लाभकारी माना जाता है.

यह रत्न जातके को आलसी  और सुस्त होने से बचाता है, यह रत्न उन लोगो के लिए है, जो मानसिकी दृष्टि से कमजोर हो गए है, यह रत्न उनमे नए कॉन्फिडेंस भर देता है. और उन्हें एक्टिव बना देता है,

यह रत्न सोने या फिर तांबे के धातु में जड़वाकर हात के अनामिका उंगली में परिधान करना चाहिए,

अगला रत्न है, सोडालाइट यह रत्न हमें बुरे संगत से बचता है.

जातको बुरे संगत लगने का मुख कारण होता है, उसका गृह दोष लेकिन कुंडली में चंद्र व् शनि ख़राब और कमजोर होते है तो ऐसा जातक को हमेशा कुसंगत में फसा हुआ दिखाई देता है/.

इसके वजह से जातक को कोर्ट, कचेरी का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे जातक हमेशा नए नए विवादों से गिरे रहते है. इस लिए इने समाज में कोई स्थान नहीं मिलता.

अगर आपको भी बुरी संगत है, और आप इससे छुटकारा पाना चाहते हो तो आपके लिए सोडालाइट यह रत्न काफी लाभदायक है. 

इस रत्न की मदत से आप बुरे संगत से छुटकारा पा सकते हो, और बुरे प्रभाव से भी छुटकारा पा सकते हो.

लेकिन उस जातक की इस रत्न पर श्रद्धा होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं है. तो यह रत्न  काम नहीं करेगा।

अगर आप को ऐसे ही रत्न, गृह दोष, वास्तु शास्त्र और फेंगशुई रिलेटेड वीडियो चाहिए तो हमारे प्ले लिस्ट पर ऐसे ही बहुत सारे वीडियो आप को मिलेंगे.

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Reviewed by Daily Wisdom on November 25, 2019 Rating: 5

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