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रक्त का कलर हमेशा लाल ही क्यों होता है?

ब्लड का कलर लाल ही क्यों होता है, यह समझने के लिए उसकी रचना कैसी होती है. और इस में कोनसे घटक होते है, यह पहिले हमें समझना होगा, ब्लड के मुख्य रूप से दो घटक होते है,

उसमे से सबसे पहिले होता है, प्लाझ्मा और दूसरा होता है, अनेक प्रकार के ब्लड सेल्स।

 ब्लड में 55%  प्लाझ्मा होता है, और 45% सेल्स होते है. इसमें से कुछ सेल्स लाल रंग के होते है, और कुछ वाइट कलर के होते है.

इसके अलावा  प्लाझ्मा में प्लेट्स जैसे छपटे सेल्स होते है. ब्लड में लाल रंग के सेल्स की वजह से दुनिया के हर मानवी जीवन में ब्लड का कलर हमेशा लाल ही होता है.

इस ब्लड सेल्स का आकर दोनों तरह से दबाए हुए डोनट्स जैसा होता है.

ब्लड सेल्स इतने छोटे होते है, की इने स्पेशल माइक्रो स्कोप से हजार गुना छोटा करके देखा जा सकता है.

एक औसत आदमी के ब्लड सेल्स में यानि के ब्लड के एक बूंद में ५०,००,००० लाल सेल्स होते है.

लेकिन इस सेल्स की संख्या स्त्री और बच्चो में अलग-अलग दिखाई देती है.

ब्लड का लाल रंग इन में मौजूद हिमगोलोबिन इस घटक से प्राप्त होता है.

हिमोगोबिन यह आयरन और प्रोटीन से बने हुए होते है.

आयरन की ज्यादा मात्रा होने से हिमगोबिन को लाल रंग प्राप्त होता है.

होमगोबिन यह आयरन के अंग होते है, और यह ऑक्सीज़न को फेफड़े में पहुंचाने का काम करते है.

और कार्बनडॉय  ऑक्साइड को बहार निकाल ने का काम करता है.

शरीर में हिमगोबिन का प्रमाण काम होने से, अनिमिया नाम का रोग निर्माण होता है.

 इन लाल सेल्स के विकास के लिए हमारे हड्डी में का खोकला हिसा इसके उत्पादन का काम करता है.

और वह बोन मॅरो नाम के पदार्थ से भरा हुआ होता है.

हमारे शरीर में बचपन में ऐसे उत्पादन कक्ष बड़े पैमाने पर होते है, और जैसे ही हमरी उम्र बढ़ती है, यानि के २० साल की उम्र के बाद इसका प्रमाण एक चैथाई रह जाता है. 

बचा हुआ ३ चैथाई हिस्सा वाइट सेल्स और पलेट्स बनाने का काम करता है.

लेकिन सबसे अनोखी बात यह है, की यह बोन मॅरो अपने हिसाब से इसका उत्पादन करता है.

लाल ब्लड सेल्स का जीवन काल ४ महीनो तक ही रहता है. इसके बाद वह नष्ट होते है, और उनकी जगह नए सेल्स निर्माण होते है. इसका चक्र हमेशा चलता ही रहता है.

इस लिए हमें रोज के अहार में आयरन और विटामिन लेने जरुरी होते है, हमें रोज डेढ़ मिलीग्रम आयरन की जरूरत होती है.

जो हमें ताजे सब्जीयों से, अमृत-सेफ इन जैसे फ्रूट से मिलते है, और बात करे नॉन वेज की तो यह हमें मटन, एग से मिलते है.   

और एक चीज हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए की, ज्यादा मात्रा में आयरन हमारे शरीर के लिए हानिकारक भी साबित हो सकते है.

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इस Article  में ऐसे नए इनफार्मेशन के बारे में जानने वाले है की अपने कभी भी नहीं सुने होंगे या पढ़े होंगे

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Reviewed by Daily Wisdom on November 27, 2019 Rating: 5

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