- WISDOM365.CO.IN

wisdom365

1200 किलो का था शहाजहांन का मयूरासन

मोगल कल में शहाजहांन के बड़े बड़े शौक थे.    शहाजहांन को बड़े बड़े इमारत और वस्तुए बनाने का शौक
था.

आग्रा में स्थित ताजमहल और दिल्ली में का लाल किल्ला शाहज़हाँन  की ही देन है. 

उसी में से एक था, मयूरासन यह मयूरासन 1200 किलो सोने से बना हुआ था.  यह आसन बनाने के लिए उस वक्त 2.9 करोड़ रूपये खर्च आया था.

अब्दुल हमीद लाहोरी लिखित "बादशाह नामा" में इस किताब में इस आसन वर्णन मिलता है.

बेबादल खान नाम के एक व्यक्तिने इस मयूरासन को 1200 किलो सोने से बनाया था.

 यह मयूरासन बनाने के लिए उसे ७ साल  का समय लगा था.

नादिरशाहने १७३९ में भारत पर आक्रमण करके भारत को पूरी तरह से लूटमार  की, और इसी लूटमार में शाहजहान का सबसे किमती और मूल्यवान चीज यानि के मयूरासन अपने साथ पर्शिया ले गया और वहा पर इसे तोड़ दिया.

जब शाहजहान को मुग़ल शासन का बादशाह घोषित किया तब उसे नजराने में बहुत नायब चीजे भेट में दी गई थी.

जैसे की हात्ती, घोड़े, तलवार जैसे बेष किमती रत्न दिए गए थे.    

इथोपिया के सरदारों ने बादशाह को गुलाम भी गिफ्ट दिए थे.

शाहजहान को सुंदर इमारत बनाने का इतना शोक था की उसे अपने दादाजीका यानि के जहांगीर बादशाह ने बनाया हुआ माहाल तोड़कर उस जगह अपने मनमुताबित  नया महाल बनाया था.


   


Reviewed by Daily Wisdom on November 27, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.